छिंदवाड़ा : लोकसभा छिंदवाड़ा में इन दिनों यह चर्चा बड़ी जोर-शोर से चल रही है । की लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले से व्यक्तिगत रिश्तो की जीत होगी या राजनीतिक संबंध रिश्ते की जीत होगी । लोग दबी जुबान से एक दूसरे से पूछ रहे हैं । अरे क्यों भाई कौन आने वाला है । किसको जीता रहे हो भाई । मगर इसमें एक बात तो देखने को मिल रही है । ना पूछने वाला सही बोल पा रहा है । और ना बताने वाला सही बता रहा है । दोनों एक दूसरे से पूछने वाले स्वयं ही असमंजस में है। कि किसका नाम बताएं । और किसका ना बताएं । किसी एक का यदि पक्ष लेते हैं ।
तो दूसरा पक्ष समझ जाएगा कि इसने किसको वोट दिया और कोई भी अपना मत बताने की स्थिति में नहीं है । यह हाल जनमानस के बीच है । वहीं राजनीतिक दल के लोग तो अपना अपना खम ठोक रहे है । मगर उनके चेहरे को भाव को देखकर लगता है । कि वह भी पूरी दमखम के साथ अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं । वह बोल कुछ और रहे हैं । और उनके चेहरे के भाव कुछ और नजर आते हैं । जनप्रतिनिधियों की हालत तो मतदान के प्रतिशत को देखकर ही धोखा खा रही है । पिछले कई वर्ष की तुलना में इस वर्ष का मतदान कम होना देश में हर किसी को चिंता में डाल रहा है ।
संजय भारद्वाज