गुलाबी गैंग का आर-पार का ऐलान: ‘मोहन सरकार आदिवासियों के लिए काल, न्याय न मिला तो होगा आमरण अनशन!’
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश: छिंदवाड़ा में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों की दो भयावह घटनाओं ने पूरे जिले को झंझोढ़ कर रख दिया है। गुलाबी गैंग की कमांडर पूर्णिमा वर्मा ने आज देव होटल में एक विस्फोटक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोहन सरकार पर सीधा और तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में आदिवासियों पर झूठे मुकदमे थोपे जा रहे हैं और पुलिस-शराब ठेकेदार का गठजोड़ निर्दोष आदिवासियों को शिकार बना रहा है।
तिगांव प्रकरण: जेल हिरासत में, आदिवासी की मौत, SI पर लगाया मारपीट का आरोप…

पूर्णिमा वर्मा ने सबसे पहले पांढुर्णा के तिगांव में 3 जून, 2025 को हुई एक हृदयविदारक घटना का जिक्र किया। एक आदिवासी युवक की कथित तौर पर जेल हिरासत में ही मौत हो गई। मृतक की पत्नी और एक चश्मदीद ने बताया कि शराब ठेकेदार अज्जू ठाकुर के गुर्गों ने एसआई शिवकरण पांडे के साथ मिलकर उसके पति को घर से जबरन उठाया। इसके बाद उस पर फर्जी शराब अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
यहां तक कि जेल में मौत से पहले, युवक ने अपनी पत्नी को बताया कि पुलिस ने उसकी छाती पर जूते से वार किए थे, जिससे उसे सांस लेने और पूरे शरीर में भयंकर दर्द हो रहा था। इलाज के दौरान जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पूर्णिमा वर्मा ने इसे सीधी-सीधी हत्या करार दिया है। उन्होंने मांग की है कि एसआई शिवकरण पांडे के साथ-साथ जिला जेल अधीक्षक और ड्यूटी पर मौजूद सभी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में कार्रवाई नहीं हुई, तो वह स्वयं जेल तिराहे पर आमरण अनशन शुरू करेंगी।
छिंदवाड़ा में आदिवासी युवती का गैंगरेप: सिस्टम पर गंभीर सवाल…

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। एक आदिवासी पीड़िता ने साहस दिखाते हुए अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि 1 जून, 2025 को गांव के दबंगों ने उसे अगवा कर 12 दिनों तक बंधक बनाकर उसका दैहिक शोषण (गैंगरेप) किया। आरोपियों में मोन्टी अल्डक, शीतल अल्डक, सुनील कंटक, निरंजन ठाकरे, मनीषा ठाकरे, अंजू चंदेल और एक अन्य शामिल हैं।
पीड़िता के अनुसार, उसे जबरन टू-व्हीलर में बिठाकर पहले गुरैया ले जाया गया। अगले दिन, उसे पातालेश्वर मंदिर ले जाकर जबरन सुनील कंटक से झूठा विवाह करा दिया गया। इसके बाद उसे 12 दिनों तक कैद में रखकर बार-बार बलात्कार किया गया। उसे यह भी धमकाया गया कि अगर उसने किसी को कुछ बताया, तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा।
पीड़िता ने बताया कि वह आदिवासी समुदाय से आती है, कम पढ़ी-लिखी और मानसिक रूप से कमजोर है, और उसका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गंभीर घटना के बावजूद, पुलिस द्वारा आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
गुलाबी गैंग की सरकार को चेतावनी…
इन दोनों जघन्य घटनाओं को लेकर गुलाबी गैंग ने प्रदेश सरकार और प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। पूर्णिमा वर्मा ने साफ कहा है कि अगर दोषियों को निलंबित कर सीबीआई जांच नहीं कराई जाती है, तो गुलाबी गैंग पूरे दमखम के साथ आंदोलन करेगा, और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
छिंदवाड़ा जिले की ये दो घटनाएं न केवल आदिवासी समाज की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और दबंगई का भयावह चेहरा भी उजागर करती हैं। गुलाबी गैंग की मांग है कि आदिवासी समुदाय को तत्काल न्याय मिले और इन जघन्य अपराधों के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
रिपोर्ट : करण विश्वकर्मा – 9755432229